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कुडलि शारदा फाउंडेशन
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शीघ्र ही माहिति उपलब्ध होगा
विश्वविद्यालय और सरकारी अनुदान प्राप्त शोध केंद्र भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न पहलुओं पर शोध कर रहे हैं, लेकिन ज्ञान का एक विशाल भंडार तैयार हो रहा है। भले ही सारा शोध ज्ञान परंपरा पर हो, लेकिन वैदिक अनुष्ठानों के व्यावहारिक अनुप्रयोग पर शोध, जिसे कर्मकांड के रूप में जाना जाता है, स्पष्ट रूप से अनुपस्थित है। कर्मकांड से संबंधित कई रीति-रिवाज लुप्त हो चुके हैं, शास्त्र मिलना कठिन है और मार्गदर्शक आचार्यों की कमी है। ऐसे में केवल वैदिक मंत्रों के उच्चारण से उनका व्यावहारिक उपयोग नहीं हो सकता।
वैदिक ज्ञान का लाभ समाज तक पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि मंत्रों के जाप के साथ-साथ उसका व्यावहारिक प्रयोग भी हो। इसलिए कुदाली श्रृंगेरी महासंस्थान द्वारा काशी में विश्वेश्वर वैदिक शोध केंद्र की स्थापना का उद्देश्य आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए व्यापक शोध करना है, ताकि वैदिक अनुष्ठानों को उनके शुद्धतम रूप में संरक्षित किया जा सके।
वैदिक अनुसंधान केंद्र वाराणसी (काशी)
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